राज्य सरकार सील करें अपनी सीमाए: केंद्र सरकार

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लाकडाउन की वजह से पलायन को देखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। केंद्र ने राज्यों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करने को कहा है। अधिकारियों ने रविवार (29 मार्च) को यह जानकारी दी। इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रवासी मजदरों के लिए उनके काम करने की जगह पर ही सभी तरह की सुविधाएं महैया कराई जाएं। इतना ही नहीं, मजदूरों को समय पर उनके वेतन का भुगतान हो... इसके लिए भी राज्यों को निर्देश जारी किए गए हैं। राज्यों को उनलोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है, जो छात्रों अथवा मजदूरों से जगह खाली करने को कहता ।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस %कोविड- 19% से निर्णायक लाई के लिए 24 मार्च की आधी रात से समूचे देश में 21 दिन के लॉकडाउन और 15 हजार करो? रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने देशवासियों से हाथ जो?कर विनती की कि वे अपने घर से बाहर बिल्क ल न निकलें क्योंकि इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की श्रृंखला को तो?ने का यही एक मात्र रास्ता है। प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील की जाएं। गरीब, जरूरतमंद लोगों, दिहाडी मजदरों को भोजन आश्रय मुहैया कराने के लिए समचित इंतजाम किए जाएं। राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान राजमार्गों या शहरों में लोगों की आवाजाही नहीं हो। इन निर्देशों का पालन कराने के लिए डीएम, एसपी को निजी तौर पर जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए वहीं, प्रवासी मजदूरों के लिए शनिवार (28 मार्च) को सीमित संख्या में बस चलाने के उत्तर प्रदेश प्रशासन के फैसले के बाद अपने घर पहुंचने की जल्दी में बसों में सीट के लिए झगड़ा करते मजदरों से दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पूरी तरह पटी नजर आई जहां अफरातफरी और भगद? जैसे हालात बने हुए थे ।दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के हजारों दिहाड़ी मजदूर कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद बस पक?ने के लिए आनंद विहार, गाजीपुर और गाजियाबाद के लाल कुआँ क्षेत्र पहुंचे। लोगों की संख्या अत्यधिक होने और बस में जगह न होने के कारण कई मजदूर बसों की छत पर बैठ गए। संक्रमण फैलने के खतरे के बीच सामाजिक दूरी के सारे नियम धरे रह गए और लोग बसों में जहां पांव टिकाने की जगह मिली वहां खड़ नजर आए। इनमें से कुछ ने मास्क पहने थे, लेकिन ज्यादातर लोगों ने संक्रमण से बचने के लिए मुंह पर रुमाल बांधा था।